18- 07- 22धारावाहिक मकाफात - ए - अमल episode 15
अनुज ने सारी बात तबरेज को तफसील से बता दी। कि किस तरह साद ने उसे अपने पास बुला कर प्यार से उसे पैसे दिए और बाद में चोरी का इल्जाम लगा कर उसके बसते से पैसे निकाल कर उसे चोर साबित कर दिया।
तबरेज समझ गया था कि ये उन सब कि मिली भगत थी अनुज को दुकान से निकालने की और उसके बाद मेरा नंबर था लेकिन उनके एक ही तीर से दो निशाने लग गए अनुज भी निकल गया और साथ ही साथ मैं भी वहा से आ गया।
"अब क्या होगा तबरेज भाई हम लोगो की बेगुनाही कब साबित होगी क्या हम उस्ताद की नज़रो में हमेशा ही चोर बने रहेंगे और अब मैं घर पर क्या बताऊंगा। जब पिताजी पूछेंगे की दुकान क्यू नही जा रहा है, उन्हें केसा लगेगा जब उन्हें पता चलेगा की उनके बेटे पर चोरी का इल्जाम लगा है नही पता वो मेरा यकीन करेंगे भी या नही, कही मुझे चोर समझ कर घर से निकाल दिया तब मैं कहा जाऊंगा " अनुज ने कहा
तबरेज ने उसकी तरफ प्यार भरी नज़रो से देखा उसके कांधे पर हाथ रख कर बोला " अनुज तुम घबराओं मत जो कुछ भी उन लोगो ने हमारे साथ किया है, हमें चोर समझ कर उस दुकान से निकलवाया है तो देखना एक दिन सच सबके सामने आ जाएगा और उन्हें अपने किए की सजा मिल जाएगी तुम भरोसा रखो वो जो ऊपर बैठा है आसमानो के ऊपर वो सब के अच्छे और बुरे काम लिख रहा है, दुनिया वाले अपनी काली करतूते दुनिया से तो छिपा सकते है लेकिन वो ऊपर बैठा सब कुछ देखता रहता है और एक दिन सही समय आने पर उसके गुनाहो की सजा उसे सूत समीत लोटा देता है इसे ही मकाफ़ात - ए -अमल कहते है।
और रही बात तुम्हारे पिता की तो उन्हें आज नही तो कल पता चल ही जाएगा तो इससे पहले उन्हें दूसरों से पता चले तुम खुद ही उन्हें सब कुछ सच सच बता देना अगर नही माने तो मुझे बुला लेना मैं समझा दूंगा लेकिन झूठ मत बोलना उनसे कहना तबरेज भाई जल्द ही कही ना कही काम पर लगते ही तुम्हे भी अपने साथ लगा लेंगे बस कुछ दिन और, और रही बात तुम्हारे पिता के ऑपरेशन के तो वो मैं कही ना कही से उधार पकड़ कर तुम को दे दूंगा अब घर जाओ और परेशान मत हो सब ठीक हो जाएगा खुदा ने चाहा तो "
"जी तबरेज भाई आप जैसा कह रहे है वैसा ही करूंगा " ये कह कर वो वहा से चला गया ।
तबरेज ने उसे तो दिलासा दे दिया था लेकिन खुद वो बेहद उदास था उसे समझ नही आ रहा था की वो घर पर कैसे बताएगा की उसने मामू की दुकान छोड़ दी और जब वजह पूछी जाएगी तब वो क्या कहेगा की उसकी इतने सालों की ईमानदारी का नतीजा उसे इस तरह मिला की जहाँ उसने दिनों रात काम किया वही से उसे चोर समझ कर निकाला गया । वो इन्ही कश्मकश में घर की और चले जा रहा था ।
उसने घर पहुंचने से पहले जुनेद को फ़ोन किया और मिलने बुलाया। जुनेद उसकी आवाज़ से समझ गया था की कोई परेशानी ज़रूर पेश आयी है वो तुरंत उससे मिलने आया ।
तबरेज ने उसे अपने दिल की सारी बात बतादी कि कैसे आज उसे और अनुज को उस दुकान से चोर समझ कर निकाला गया ।
तबरेज कि आँखों में आंसू थे उस इस तरह की उम्मीद नही थी की उसके मामू इस तरह उस पर यकीन करना छोड़ देंगे।
जुनेद ने उसे हौसला देते हुए कहा " भाई तू परेशान मत हो सब ठीक हो जाएगा तेरे मामू ने तुम सब की परवरिश एक बाप की हैसियत से की है भले ही आज उनकी आँखों पर साजिशी पर्दा पड़ा हो पर देखना समय के साथ साथ ये पर्दा हट जाएगा और उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाएगा।
और रही बात तेरे काम की तो तू एक अच्छा मैकेनिक है अल्लाह ने चाहा तो तुझे बहुत जल्द कोई अच्छा काम मिल जाएगा नही तो मेरी मान अब अपनी दुकान खोल बहुत हुयी दूसरों की गुलामी अपना काम अपना होता है खुद मालिक खुद नौकर "
"भाई तू ठीक कह रहा है लेकिन अभी मेरे पास इतने पैसे भी नही है कि में कुछ ही दिनों में दुकान खोल सकूँ वो भी अपनी और नही पता कि चलेगी भी या नही, मैं इतना बड़ा रिस्क नही ले सकता मैं पहले कही काम ढूंढ़ता हूँ उसके बाद देखता हूँ कि क्या करना है क्यूंकि जो पैसे मेरे पास थे उससे मेने आरिफ को दुकान करा दी " तबरेज ने कहा
"जैसा तुझे ठीक लगे वैसा कर , और अगर मेरी कुछ मदद चाहिए तो बता देना तेरा ये दोस्त हर दम तेरे साथ खड़ा रहेगा । मेरे पास भी जो पैसे थे वो सब मेने राबिया की शादी के खर्चो में लगा दिए नही तो मैं तेरी मदद ज़रूर करता " जुनेद ने कह
"हाँ भाई मैं जानता हूँ, एक तू ही तो है जिस पर मैं दिलो जान से भरोसा कर सकता हूँ और अपने दिल की बात कह सकता हूँ, तू उदास मत हो मैं कही ना कही काम ढूंढ ही लूँगा मुझे खुदा पर भरोसा है वो एक रास्ता बंद करता है तो सत्तर रास्ते खोल भी देता है , तू परेशान मत हो राबिया मेरी भी बहन जैसी है उसकी शादी इज़्ज़त से हो जाए काम का क्या है आज नही तो कल मिल ही जाएगा लेकिन सब से पहले मुझे अनुज के पिता के इलाज के लिए कुछ पैसो का बंदोबस्त करना है नही तो उन्हें कुछ भी हो सकता है अगर उनका ऑपरेशन नही हुआ तो " तबरेज ने जुनेद के कांधे पर हाथ रख कर कहा
"तो तू घर पर क्या बताएगा खाला तो बहुत परेशान हो जाएंगी ये सुन कर " जुनेद ने पूछा
"यही तो सबसे बड़ी चिंता है कि घर पर क्या बताऊंगा , अगर सच बताता हूँ तो भी घर वाले उदास हो जाएंगे खास कर अम्मी और अगर नही बताया और कही बाहर से पता चला तो भी अच्छा नही लगेगा। सबसे बड़ी दुविधा तो यही है कि आखिर क्या करू तू ही बता क्या करा जाए सब सच सच बता दिया जाए या रहने दू बेवजह अम्मी और मामू के बीच खटास पैदा हो जाएगी " तबरेज ने कहा
"देख भाई सच बोलने में ही भलाई है क्यूंकि तू तो सही है ना तुम दोनों को तो एक साजिश के तहत दुकान से निकाला गया है और जब सब पत्ते खुल जाएंगे तो एक दिन तेरे मामू को भी तुझ पर यकीन आ जाएगा। और आखिर कब तक ये बात छिपायेगा बेवजह एक सच को छिपाने के लिए सत्तर झूठ का सहारा लेना पड़ेगा और एक दिन सच्चाई सामने आ ही जाएगी कि तुझे तेरे मामू की दुकान से किस तरह जलील कर के निकाला गया था चोर समझ कर। जब ये बात खाला को पता चलेगी तब उन्हें ज्यादा दुख होगा इसलिए उन्हें सब सच सच बता देना बाकी उनकी मर्ज़ी वो क्या करती है " जुनेद ने कहा
"सही कहा तूने भाई मैं भी यही सब सोच रहा था लेकिन कश्मकश के बीच फसा था जहाँ से तूने मुझे निकाल दिया मैं जाकर सब कुछ बता दूंगा बाकी खुदा के हवाले छोड़ दूंगा जो उसकी मर्ज़ी वही होगा " तबरेज ने कहा और जुनेद का शुक्रिया अदा करते हुए उससे विदा ली और घर की और चलने लगा ।
उसके पैर लड़खड़ा रहे थे लेकिन फिर भी वो हिम्मत करके घर के अंदर दाखिल हुआ। उसे इस तरह देख सब घर वाले चौक गए । आरिफ भी घर पर ही था कुछ समान लाया था घर का।
"भाई जान आप ठीक तो है , आज इस समय कैसे आना हुआ और आपका चेहरा इतना उदास क्यू है। फरिया एक ग्लास पानी लाओ भाई जान के लिए " आरिफ ने पूछा और अपनी बीवी से पानी लाने को कहा
"क्या हुआ तबरेज सब ठीक तो है ये तेरे चेहरे की रंगत क्यू उडी हुयी है , कुछ बता आखिर इस समय दुकान से कैसे आना हुआ " तबरेज की अम्मी ने पूछा
तबरेज सबके सवालों को सुन रहा था तब ही फरिया पानी लेकर आयी , तबरेज ने पानी पिया और बरामदे में पड़ी कुर्सी पर बैठ कर बोला " मैं आप लोगो को जो कुछ भी बताने जा रहा हूँ उसे सुनने के बाद आप लोग ज्यादा गुस्सा मत होना मुझे आप सब लोगो का साथ चाहिए इस परेशानी से निबटने के लिए "
". क्या हुआ बेटा हम सब तेरे साथ है , यूं पहेलियाँ ना बुझा सब ठीक तो है , कही तुझे कुछ हुआ तो नही और मेरे भाई उन्हें तो कुछ नही हुआ, कुछ बता वरना मेरा दिल यही बैठ जाएगा " आमना जी ने कहा आँखों में नमी लाते हुए
"भाईजान ऐसा क्या हुआ कि आप इस तरह की बाते कर रहे है , हम सब आपके साथ है जो कुछ भी हुआ है बता दीजिये यूं इस तरह की बाते करके हमें और परेशान मत कीजिये जो कुछ भी हुआ है बता दीजिये। कही मामू को तो कुछ नही हुआ काफी दिनों से बीमार थे वो " आरिफ ने पूछा
"आप लोग घबराये तो नही ऐसी वैसी कोई बात नही है , और मामू भी बिलकुल ठीक है " तबरेज ने कहा
"तो फिर तू इस तरह की बाते क्यू कर रहा है । अगर तेरे मामू भी ठीक है " आमना ने कहा
तबरेज उन सब के चेहरे पर चिंता साफ देख रहा था वो अभी भी असमंजस में था की बताये या नही जो कुछ भी दोपहर में दुकान पर हुआ।
आखिर क्या तबरेज बता पायेगा अपने घर वालो को जो कुछ भी दोपहर में हुआ या फिर कोई और झूठी कहानी बना कर बात को खत्म कर देगा जानने के लिए पढ़ते रहिये हर सोमवार
Seema Priyadarshini sahay
19-Jul-2022 06:55 PM
बहुत बेहतरीन भाग
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Rahman
18-Jul-2022 08:35 PM
Nyc👌👌
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Raziya bano
18-Jul-2022 12:18 PM
Nice
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